मधुमय यौवन लौटा दो।.
विश्व की सारी व्याथाये राख संग मेरे धर दो
रक्त की सारी शिराओ मे उस्मा -संचित कर दो
संशय को सत्य कर दो!
मधुमय जीवन लौटा दो!
वो ऋतुओ कि नव - भव - यौवन
वो वायु की शीतलक- वैभव
कदम्ब - दल का सुगन्ध- मोहक
सारी कलाये दिखला दो!
मधुमय जीवन लौटा दो!
किरण - कुन्जो का अनुपम- दृश्य
चंचल वृक्ष से छनती छाह - मधुर
आवेग - मन्द- राग उस झंझा का
रूख मुझपर बरसा दो!
मधुमय जीवन लौटा दो !
विश्व की सारी व्याथाये राख संग मेरे धर दो
रक्त की सारी शिराओ मे उस्मा -संचित कर दो
संशय को सत्य कर दो!
मधुमय जीवन लौटा दो!
वो ऋतुओ कि नव - भव - यौवन
वो वायु की शीतलक- वैभव
कदम्ब - दल का सुगन्ध- मोहक
सारी कलाये दिखला दो!
मधुमय जीवन लौटा दो!
किरण - कुन्जो का अनुपम- दृश्य
चंचल वृक्ष से छनती छाह - मधुर
आवेग - मन्द- राग उस झंझा का
रूख मुझपर बरसा दो!
मधुमय जीवन लौटा दो !
बहुत सुन्दर रचना आदरणीय
ReplyDeleteसादर
धन्यावाद जी
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